''ज्योतिष का सूर्य'' राष्ट्रीय मासिक पत्रिका

        

Sunday, September 17, 2017

शनि का शुभाशुभ  प्रभाव पति+पत्नि के व्यावहारिक जीवन पर..??

शनि का शुभाशुभ  प्रभाव पति+पत्नि के व्यावहारिक जीवन पर..??

शनि ग्रह यदि आपकी कुण्डली में प्रतिकूल है तो, पति-पत्नि के वैवाहिक जीवन को परस्पर गलतफहमियों की वजह से रिश्तों में खटाश ला देता है ! यहां तक की देखा गया, यदि यह शनि सप्तम भाव पर तीसरी, सातवीं तथा दसवीं दृष्टि डालते हैं और पत्नि अग्नि तत्व की हैं तो दाम्पत्य जीवन को तलाक तक पहुंचा देता है... कल हमने दिल्ली के ओम विहार के प्रतिष्ठित परिवार की एक विवाहिता महिला की कुण्डली का समीक्षा किया, तो पाया की महिला अग्नि तत्व प्रधान हैं तथा उनके पति के सप्तम भाव पर  शनि ग्रह की दृष्टि और राहु ग्रह की  धीरे चलने वाला ग्रह है, मंद ग्रह भी कहा जाता है। ये हमेशा हमे हमारे कर्मो का उचित परिणाम देता है।इसलिए इसे न्याय का देवता भी कहते है।कुछ इनके शुभ फल भी होते है और कुछ अशुभ भी।पर जो भी फल देते है ये वो हमारे खुद के कर्मो द्वारा ही निर्धारित होता है।जन्म कुंडली के सातवें भाव में अन्य ग्रहों के योगायोग में यदि शनि शुभ हो तो जातक को निम्नलिखित शुभ फल प्राप्त होते हैं।
1. अत्यंत चुस्त एवं फुर्तीला होता है।
2. राजनीति में जाने से लाभ होता है।
3. जातक नेक सलाहकार होता है।
4. आप अल्प बुद्धिमान होते हुए भी राज्य से सम्मानित होंगे।
5. शनि और मंगल दोनों ही 7 भाव में बैठे हों तो बेईमानी से धन प्राप्त कर लक्ष्मीवान बन सकते हैं।
6. बना हुआ मकान खरीदेंगे।
7. आपके पास चाहें लड़कियाँ कितनी भी हों, विवाह में परेशानी नहीं होगी।
8. मकान यदि पीलर डालकर बनाया जाए तो अत्यंत शुभ फलों की प्राप्ति होगी।
9. अग्नि राशि का शनि हो तो पत्नी मनमोहक सुंदर होगी।
10. जल राशि का शनि हो तो पत्नी सभी प्रकार से अच्छी मिलती है।
अशुभ फल भी जान लें।
सातवे भाव में बैठा शनि अन्य ग्रहों के संबंध से अशुभ हो तो विपदाओं का सामना होगा। साथ ये भी फल प्राप्त होंगे.
1. यदि आप धुम्रपान एवं मदिरा पीएँगे तो बर्बाद हो जाएँगे।

2. 7 भाव में शनि हो और अगर बाहरी स्त्री के साथ आपके सम्बन्ध हो तो आपका व्यापार तबाह हो जायेगा।
3. आपकी शादी 22 साल के पहले हो गई होगी तो नेत्र रोग हो सकता है।
4. 7 भाव में शनि हो और बुध शत्रु ग्रह 3, 7, 10 में हो तो जातक के पिता का धन बर्बाद होता है।
कुंडली के विवेचना के अनुसार अगर उचित उपाय किये जाये तो परिणाम अच्छा मिलता है !! अस्तु!!

- आचार्य पण्डित विनोद चौबे
(ज्योतिष, हस्तरेखा, वैदिक वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ) संपादक- ''ज्योतिष का सूर्य'' राष्ट्रीय मासिक पत्रिका, शांतिनगर, भिलाई, जिला- दुर्ग (छ.ग.)
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